52 गांवों की अधिष्ठात्री वन देवी माँ – अंगारमोती माता हैं। गंगरेल बांध के दूसरी छोर में स्थित Angarmoti Mata की दर्शन मात्र से ही सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं।
अंगारमोती माता मंदिर धमतरी | Angarmoti Mata Mandir Gangrel Dhamtari Chhattigsarh
छत्तीसगढ़ राज्य के प्राणदायिनी नदी कही जानी वाली महानदी में बनाया गया गंगरेल बांध के एक छोर में माँ अंगारमोती माता विराजित हैं। जहाँ पे प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में अपनी मनोकामना लिए श्रद्धालुगण आते हैं, माँ की चरणों में अपनी मनोकामना अर्पित करते हैं।
Angarmoti Mata Mandir को महानदी के निकट विशाल चबूतरे में प्राण-प्रतिष्ठा किया गया हैं। दंडकारण्य का प्रवेश द्वार एवं वन देवी होने के कारण माता जी का मंदिर निर्माण नहीं कराया गया हैं, माता आज भी खुले स्थान पर विराजित हैं। 400 वर्षों से कश्यप वंश के नेताम परिवार के लोग ही माताजी की पूजा-अर्चना करते आये हैं।
मान्यता – कहा जाता हैं अंगारमोती माता और विन्ध्यासिनी माता (बिलाई माता) दोनों सगी बहनें हैं। वे दोनों ऋषि अंगिरा की पुत्री हैं। जिनका आश्रम सिहावा के पास घठुला में स्थित हैं। महानदी के उत्तर दिशा में धमतरी शहर की ओर माता विंध्यासिनी एवं महानदी के दक्षिण दिशा की ओर अंगारमोती माता मंदिर स्थित हैं।
यहाँ देवी माँ को बलि देने की प्रथा हैं, जो आज भी प्रचलित हैं। जिससे की श्रद्धालुओं की सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को बलि देने वालों का ताँता लगा रहता हैं।
महोत्सव – दीपावली के बाद सप्ताह की प्रथम शुक्रवार को यहाँ भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं। इसके अलावा प्रतिवर्ष चैत्र और शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालुगण अपनी मनोकामना लिए माँ के दरबार में दर्शन करने चले आते हैं।
इतिहास – गंगरेल बांध का जब 1972 में निर्माण कराया जा रहा था, तब धमतरी जिला के 52 गांव इस बांध के अंदर समाहित हो गए। उन्ही में से एक ग्राम-चंवर भी इस बाँध के अंदर आने लगा। ग्राम-चंवर में माताजी की मूर्ति 600 सालों से विराजित था। निर्माणाधीन बांध के अंदर आने के कारण, उनकी प्रतिमा को गंगरेल बांध के एक छोर के चबूतरे में विशाल पेड़ के नीचे स्थापित किया।
किवदंती – कहा जाता हैं की जब माता जी ग्राम चंवर में विराजित थी तब कुछ चोरों ने उनकी मूर्ति को चोरी कर लिए, लेकिन उनके चरणों को नहीं ले जा सके। उन्ही चरणों को गंगरेल बांध के निकट पुनः प्राण-प्रतिष्ठा किया गया, और पुरे विधि-विधान से पुनः मूर्ति बनवाया गया।
How to Reach Angarmoti Mata Mandir
Angarmoti Mata के यहाँ सड़क मार्ग से सुगमता से पहुंचा जा सकता हैं। जो की धमतरी जिला मुख्यालय से मात्र 12 किमी की दुरी में स्थित हैं। धमतरी जिला के लिए लगभग सभी बड़े शहरों से बसें हमेशा उपलब्ध रहती हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर से आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुगणों के लिए राजधानी रायपुर में माना हवाई अड्डा स्थित हैं। जिससे की आसानी से यहाँ पहुंचा जा सकता हैं।
राजधानी रायपुर से धमतरी शहर 80 किमी की दुरी में स्थित हैं। तत्पश्चात 12 किमी की खूबसूरत सफर करते हुए आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं।
Nearby Place in this site
इस जगह के आसपास देखने के लिए बहुत सी जगह हैं। आप स्वयं के वाहन से आते है तो आप बहुत सारे जगहों को एक साथ ही विजिट कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग द्वारा गंगरेल बांध के पैकेज भी उपलब्ध रहता हैं।
- गंगरेल बांध – माता जी की मंदिर गंगरेल बांध में बना हुआ हैं। आप दोनों जगह को एक साथ विजिट कर सकते हैं। साथ ही एडवेंचर एक्टिविटी का आनंद मिनी गोवा मे उठा सकते हैं।
- बिलाई माता धमतरी – बहुत ही सुन्दर मंदिर, जो शहर के बीचो-बीच स्थित हैं। जो माता की सगी बहन मानी जाती हैं। उनके दर्शन मात्र से मन महक उठता हैं।
- मॉडम सिल्ली बांध – भारत के प्रथम बांध के रूप में चिन्हित माडमसिल्ली बांध को भी आप देखने को जा सकते हैं।
- सिहावा-नगरी – महानदी का उदगम इसी पहाड़ से हुआ हैं। जो बहुत ही खूबसूरत हैं।
cgtourism.in Advice – दोस्तों जब भी पिकनिक स्पॉट, माता की के दर्शन के लिए जाते हैं तो अपने साथ ले जाने वाले अपशिष्ट पदार्थ को आप किसी डस्टबिन में जरूर डालिये। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक को अच्छा लगे।
अंगारमोती माता के मंदिर लोकेशन ?
क्या पार्किंग व्यवस्था हैं?
हाँ।
अंगार मोती माता मंदिर | Angar Moti Temple | Gangrel Dam Dhamtari Chhattisgarh
This Video by YouTuber Mor Mitan
बहुत ही सुन्दर जानकारी महोदय
Thankyou