Most Beautiful View Point & Tracking point in the Korba-Bilaspur District, this place is Chaiturgarh Fort in Korba Chhattisgarh. Make sure to take the time to visit this Maikal Mountain range once. Believe me this place is amazing.
Chaiturgarh | चैतुरगढ़
खुबसूरत वादियों, विह्गम दृश्य और पहाड़ो की पूरी श्रृंखला देखने के लिए आप चैतुरगढ़ किला चले आइये। मैकाल पर्वत की पूरी शृंखला इस पर्वत की खूबसूरती को चार चाँद लगाती हैं। यही कारण हैं की यहाँ आने वाले लोग इस जगह को छत्तीसगढ़ की काश्मीर कहते हैं।
Chaiturgarh Fort जड़ी-बूटियों, औषधियों एवं वन्य जीवों से सज्ज हैं, जो पुरे विश्व के सबसे सुरक्षित किलो में गिना जाता हैं। प्राकृतिक प्रेमियों के लिए यह जगह किसी रोमांच से कम नहीं हैं। समुद्र तल से लगभग 3060 मीटर के ऊँचे पहाड़ी में 5 वर्ग किलोमीटर की समतल पठार हैं जिसे घूमने, tracking करने में पुरे एक दिन का समय निकल जाता हैं।
बरसात के दिनों में आपको बहुत ही मनोरम दृश्य देखने को मिल जायेगा। यहाँ उस समय 5 से भी अधिक मौसमी झरने बनते देखा जा सकता हैं। Mountain Lover को यह जगह बहुत पसंद आने वाला हैं। चूँकि इस जगह में पहुंचने से पूर्व ही आपको सड़को पर रोमांच नजर आने लगेगा। जो अत्यधिक सुखदायक हैं।
यहाँ से निकलने वाले झरनों के नाम कुछ इस प्रकार से हैं – चामादरहा, तिनधारी, एवं श्रंगी झरना हैं। हसदेव नदी के सहायक नदी जटाशंकरी नदी का उदगम स्थल भी मैकाल पर्वत श्रेणी के चैतुरगढ़ के पहाड़ो से हुआ हैं। जो दिखने में अलौकिक हैं।
चैतुरगढ़ किला को लाफागढ़ किला के नाम से भी जाना जाता हैं। जो लाफागढ़ से महज 21 किलोमीटर की पहाड़ी चढाई चढ़ने पर इस रोमांचकारी जगह पर पंहुचा जा सकता हैं। कहा जाता हैं यह पूरी तरह से प्रकृति पहाड़ो के दीवारों से सुसज्जित हैं। जिसे आज तक कोई भी विजय प्राप्त नहीं कर पाया हैं।
महिषासुर मर्दनी मंदिर चैतुरगढ़ | Mahishasur Mardani temple
चैतुरगढ़ किला की सबसे प्रसिद्ध मंदिर महिषासुर मर्दनी मंदिर हैं। पुरातत्ववेताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण कल्चुरी शासक काल के राजन पृथ्वीदेव प्रथम द्वारा सन 1069 ईस्वी में निर्माण कराया था। बाद में बाण वंशीय शासक 7 शताब्दी राजा मल्लदेव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार।
महिषासुर मर्दनी माता मंदिर (Mahishasur Mardani temple) की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 3060 फ़ीट (लगभग 1100 मीटर) पर स्थित हैं। जिसका तापमान भीषण गर्मी के समय में भी 25-30 डिग्री सेल्सियस रहता हैं। यही कारण है की लोग इस जगह को किसी कश्मीर से काम नहीं समझते हैं।
नागर शैली में बनी इस मंदिर के गर्भ गृह में माता की 12 हाथों वाली मूर्ति विराजमान हैं। जो दिखने में आनंदमयी प्रतीत होती हैं। इस मंदिर के आसपास में हनुमान, कालभैरव और शनिदेव भी विद्यमान हैं।
चैत्र और कुँवार के नवरात्री में यहाँ भव्य मेला का आयोजन होता हैं। जिसे हजारों की संख्या में लोग देखने-घूमने आते हैं। दोनों ही नवरात्रि में भंडारा का आयोजन रहता हैं। जो पुरे नवदिन तक चलता रहता हैं।
Places to Chaiturgarh Fort Korba | चैतुरगढ़ के मुख्य स्थान
दोस्तों चैतुरगढ़ को रहस्यमयगढ़ के नाम से भी जाना जाता हैं। अभी भी बहुत से स्थान को पुरातत्ववेत्ता अभी तक समझ नहीं पाए हैं। Chaiturgarh Fort के ऊपरी हिस्से 5 किलोमीटर में फैला हुआ है जो यह दर्शाता है की यह अभेद किला रहा होगा।
इस किले में तीन द्वार का निर्माण कराया गया हैं – 1. सिंह द्वार, 2. मेनका द्वारा, एवं 3. हुमकारा द्वार।
इन जगहों पर आज भी टूटे हुए दीवारों के अवशेष प्राप्त किये जा सकते हैं। वैसे तो इस Place को प्राकृतिक दीवारों के नाम से जाना जाता हैं। लाफागढ़ से चैतुरगढ़ आते या जाते हुए एक बहुत बड़ा चट्टान, पहाड़नुमा दिखाई देता हैं, जिसे गुप्त द्वार कहते हैं। कहा जाता हैं इस द्वार को लोगो से छुपाकर रखा गया था। अभी तक इस गुप्त द्वार की आधिकारिक पुष्टि नहीं पाई। हैं
शंकर गुफा – महिषासुर मर्दनी मंदिर से 2 किमी की चढान – ढलान वाले सकरी रास्ते पर शंकर गुफा स्थित हैं। जिसमे दो गुफा हैं। पहला गुफा भगवान् शंकर जी के हैं, जहाँ तक पहुंचने के लिए आपको झुककर या फिर लेटकर 25 फिट का चलना होगा। तब जाकर आपको भगवान् के लिंग का दर्शन होगा, एवं दूसरी तरफ उसी चेंबर में आपको भस्मासुर का गुफा भी मिलेगा।
इस रस्ते पर चलते हुए आपको विहंगम दृष्य देखने को मिलेगा जो अकस्मात ही आपका मन मोह लेगा।
शंकर गुफा में बरसात के समय रिस-रिस कर पानी टपकता रहता हैं। जिसे किसे बॉटल या अन्य चीजों में संग्रहकर पी सकते हैं। इसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट हैं। इसी शंकर गुफा के ऊपर में ही मेनका द्वार स्थित हैं।
गर्गज पहाड़ चैतुरगढ़ की सबसे ऊँचा पहाड़ हैं, जिसे लोग बूढ़ादेव पहाड़ के नाम से पूजते हैं। 5 किमी में फैले इस जगह में कुल पांच तालाब स्थित हैं जिसमे से तीन तालाबों में पानी कभी भी नहीं सूखता हैं।
- गर्गज तालाब
- सूखी तालाब
- केकड़ा तालाब
- भूखी डबरी
- सिंघी तालाब
शुरुवात के तीन तालाब में पानी नहीं सूखता है। गर्गज तालाब, गर्गज पहाड़ के नीचे ही स्थित हैं जिसे माता के दर्शन करते समय आप विचरण कर सकते हैं।
#सुरंग – गर्गज पहाड़ के नीचे में ही एक सुरंग हैं जो रतनपुर में जाकर निकलता हैं। कोई जन हानि न हो इसीलिए इस सुरंग को पत्थर से बंद कर दिया गया हैं।
View Point – दोस्तों यहाँ के ट्रस्ट द्वारा तीन से चार जगहों पर View Point बनाया गया हैं जहाँ से मैकाल पर्वत श्रेणी के रमणीय दृश्य देखने को मिलता हैं।
Tourism Package in Korba Chhattisgarh
Tourism package for Korba Chhattisgarh is provided by Traveller and Instagram Influencer DK808 and Travel Mitan. These people roam the places of Chhattisgarh in very low charges. We are giving the Instagram id of both of them in the link below.
Instagram ID – DK808, Travel Mitan
Accommodation, Meal and how to reach Chaiturgarh
Accommodation – दोस्तों कोरबा व बिलासपुर में आपको रहने के लिए आवास व भोजन अच्छे से मिल जायेगा। साथ ही आपको चैतुरगढ़ किला के ऊपर में PWD Rest House, Pali की ओर से कॉटेज मिल जायेगा। जिसे पाली नामक जगह से पंजीयन कराना होगा।
Meal – पाली व चैतुरगढ़ के ऊपरी हिस्से में भोजन की व्यवस्था हैं जो 60 रूपये से प्रारम्भ होती हैं। Forest Department की ओर से सांकेतिक चिन्ह भी लगाया हुआ हैं।
How to Reach – दोस्तों यहाँ पहुंचने के लिए आपको बिलासपुर कोरबा सड़क मार्ग से आना होगा जो पाली नामक ग्राम से 31 की किमी से होकर आना होगा। फिर भी अन्य माध्यमों से होकर आने वाले रास्तों को नीचे दर्शा रहे हैं-
- हवाई मार्ग – राजधानी रायपुर में सभी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ हवाई अड्डा हैं, जो आसानी से आपको छत्तीसगढ़ पहुंचा सकता हैं। साथ ही बिलासपुर में हवाई छावनी भी स्थित हैं। रायपुर से होकर प्लान आती रहती हैं।
- रेलवे मार्ग – नजदीकी रेलवे जक्शन बिलासपुर में स्थित हैं। कोरबा भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता हैं।
- सड़क मार्ग – कुछ प्रमुख शहरों से इनकी दूरियां –
- बिलासपुर – 73 Km
- कोरबा – 80 Km
- रतनपुर – 48 Km
- कटघोरा – 56 Km
- रायपुर – 191 Km
Trip Experience – दोस्तों बरसात के कुछ ही हप्तो बाद विजिट करने से आपको मनमोहक नज़ारे, Movement करती Cloud, झर-झर करती झरने, पहाड़ो से रिसती हुई पानी आपको झकझोर कर देगी। सबसे अच्छा समय यहाँ सब हैं। आपको यहाँ जरूर से एक बार विजिट करना चाहिए।
Best time to visit this Chaiturgarh?
All the time. But one should not go during the rainy season.
Bus stand in Korba.
Who made Chaiturgarh Fort?
Raja Pritwidev Pratham. 1069 AD.