छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध मंदिर माता महामाया जी की हैं। जहाँ नवरात्रि के दिनों में हजारो की संख्या श्रद्धालुगण माता की दर्शन करने पहुंचते हैं। सामान्य दिनों में भी लोग Ratanpur Mahamaya Mandir Bilaspur आते रहते हैं। जो बिलासपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 से 26 किमी की दुरी में स्थित हैं।
इस लेख के माध्यम से हम आपको रतनपुरिया माता महामाया जी के यहाँ कैसे पहुचें, आवागमन के साधन और किस समय माता के दर्शन के लिए पहुंचे, इन सब की जानकारी भी अवगत कराएँगे। साथ ही यहाँ स्थित अन्य धार्मिक, प्राचीन और प्राकृतिक स्थलों की भी जानकारी इस लेख के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं।
महामाया मंदिर रतनपुर बिलासपुर | Ratanpur Mahamaya Temple Bilaspur
दोस्तों, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित महामाया मंदिर ऐतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। महामाया मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम ने 12-13 सदीं में निर्माण कराया था। भारत देश हमेशा से देवी-देवताओं का देश रहा हैं, यहाँ की लोकमान्यता है की जो भी श्रद्धालुगण माता महामाया की इस मंदिर में अपनी मन्नत को पूरी शिद्द्त से मांगता हैं, वह अवश्य ही पूरी होती हैं।
Ratanpur Mahamaya Mandir भारत में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। यहां माता सती की दाहिना कन्धा गिरा था, जिसके कारण यहाँ भक्तजनों की भीड़ चैत्र और कुँवार की नवरात्रि में अधिक बढ़ जाती हैं।
माता महामाया के दर्शन करने कब जाये | When To Go Ratanpur Mahamaya Tample
दोस्तों, वैसे तो यहाँ साल भर भक्तों का ताता लगा रहता हैं, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ आपको चैत्र और कुँवार के नवरात्रि में देखने को मिलेगा। आपको भीड़ पसंद नहीं है तो इन दो सीजन को छोड़कर कभी भी आ सकते हैं, और शांति से यहां के आनंदमयी नजारों को आत्मसात कर सकते हैं।
सामान्य दिनों में माता जी की दर्शन आप सुबह 6.30 से रात के 8.00 बजे तक कर सकते हैं, लेकिन नवरात्रि के समय भीड़ बहुत ज्यादा होने के कारण समय लग सकता हैं।
महामाया माता की दर्शन करने कैसे जाये | How To Visit Mahamaya Mata Tample
रतनपुर पहुंचने के लिए आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहाँ हर घंटे बस अवेलेबल रहता हैं-
- सड़क मार्ग
- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 143 किमी की दुरी में स्थित हैं।
- रतनपुर बिलासपुर से 26 किमी की दुरी में स्थित हैं।
- रेल मार्ग
- रतनपुर पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बिलासपुर रेलवे स्टेशन (जक्शन) हैं, उसके बाद आपको वहां से बस या टैक्सी-ऑटो से आना होगा।
- आप राजधानी रायपुर से सीधी ट्रैन पकड़ कर बिलासपुर पहुंच सकते हैं।
- हवाई मार्ग
- रतनपुर महामाया माता दर्शन के लिए आपको हवाई मार्ग के लिए बिलसा देवी केवट एयरपोर्ट बिलासपुर आना होगा। वहां से आपको रतनपुर 38 किमी की दुरी में स्थित हैं।
कहाँ घूमे, क्या-क्या देखने जाये | Where To Go, What To See Ratanpur
दोस्तों, वैसे तो रतनपुर बिलासपुर में घूमने के लिए लगभग 365 तालाब, 780 मंदिर, 21हजार कुआँ, और 7 सुरंग विद्यमान हैं। लेकिन हम आपको इस बार मुख्य-मुख्य मंदिर और पर्यटक स्थलों की जानकारी देंगे, जो हमारा अनुभव हैं, आपको एक बार अवश्य वहां जाना चाहिए…..
हम आपको रतनपुर से नजदीक tourism Places के बारे में ही बता रहे हैं।
भैरव बाबा मंदिर – जैसे ही आप बिलासपुर से रतनपुर के लिए निकलेंगे सबसे पहले आपको भैरव बाबा का मंदिर मिलेगा। जो की रतनपुर की महामाया मंदिर से 3.5Km की दुरी में स्थित हैं। ऐसी मान्यता हैं की माँ महामाया माता की दर्शन के पहले भैरव बाबा का दर्शन कर लेना चाहिए , जिससे की माता से मांगी हुयी मन्नत खाली ना जाये।
भैरव बाबा मंदिर परिसर में बहुत सारे छोटे-बड़े मंदिर है, और यहाँ पे दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर भी स्थित हैं। मंदिर परिसर के अंदर बहुत ही सूंदर छोटा सा तालाब जिसमे आप मछलियों को दाना डाल सकते हैं, और उसी के सामने छोटा सा बगीचा भी हैं, मंदिर परिसर के पीछे हनुमान, नटराज भगवान की मूर्तियां भी स्थित हैं।
सिद्धि बिनायक गणेश मंदिर – भैरव बाबा मंदिर से कुछ ही दुरी में स्थित है, गणेश जी की मंदिर, जिसमे आपको एक बार जाना चाहिए, मंदिर के अंदर भारत में सभी गणेश जी की मूर्तियां हैं, उन सब की तस्वीर वहां मंदिर परिसर के अंदर लगी हुई हैं।
लखनी देवी मंदिर – जैसे ही आप सिद्धि विनायक गणेश जी की मंदिर से निकलेंगे, रास्ते में आपको विशाल रूप में खड़े हनुमान जी की प्रतिमा दिखाई देगी। जो रतनपुर से महज 4 Km की दुरी में स्थित हैं। जिसके अंदर पहुंचने से आपको सर्वप्रथम लखेश्वर महादेव का मंदिर दिखाई देगा।
लखनी देवी मंदिर में पहुंचने के लिए आपको 259 सीढ़ियों को जय माता दी बोलते हुए चढ़ते जाइये। ऊपर में आपको शांतिप्रिय माँ लखनी देवी माता का दर्शन हो जायेगा। वहां से आपको पूरा रतनपुर का मनोरम दृश्य दिखाई देगा, जो बहुत ही अविश्मरणीय हैं।
खो-खो बावली – लखनी माता मंदिर के कुछ ही दुरी में स्थित जुनाशहर है, वही पे है खो-खो बावली। यह एक कुआँ सुरंग है, जिसमे तीन रास्ते हैं, जिसमे से एक बादल महल, दूसरा बिलासपुर तथा तीसरा बिलासपुर के श्याम टाकीज तक जाती हैं।
बादल महल – अभी तो महल में घुड़साल हैं. लेकिन कहा जाता हैं, राजा अपनी सभी रानियों को इसी बदल महल रखा करता था, जो की सरंक्षण की कमी के कारण ध्वस्त हो गयी हैं। खो-खो बावली वाली सुरंग से एक रास्ता यहाँ पे आकर निकलता हैं। यह 5 मंजिला इमारत था।
हा. मूसे खां दरगाह – बदल महल से जैसे ही आप निकलेंगे, करीब 1Km की दुरी में स्थित हैं यह दरगाह। छत्तीसगढ़ की प्रमुख दरगाह में से यह एक प्रमुख दरगाह हैं। जो पहाड़ियों के बीच में स्थित हैं। रतनपुर दर्शन के लिए आते हो, तो यहाँ एक बार जरूर विजिट करे।
बीस दरवाजे वाला मंदिर – माता महामाया मंदिर से 2Km पीछे की ओर बीस दरवाजों वाला मंदिर स्थित है। यह रहस्यमय मंदिर में किस उद्देश्य से बनाया गया है, अभी तक पता नहीं चल पाया हैं। आप जिधर से भी देखेंगे, उधर आपको एक दरवाजा देखने को मिलेगा। इस प्रकार से कुल 20 दरवाजा देखने को मिलेगा।
पंचमुखी शिव मंदिर – आप जैसे ही माँ महामाया के दर्शन करने के बाद पीछे की ओर निकलेंगे, आपको यह पंचमुखी शिव मंदिर दिखाई देगा। यह महामाया मंदिर परिसर के अंदर ही हैं. जय भोले बोलते हुए पंचमुखी शिव मंदिर का दर्शन कीजिये।
इस मंदिर में आप मनोकामना हेतु नारियल को बांध सकते हैं, और जैसे ही आपका मनोकामना पूर्ण होता हैं, आप उसे निकाल सकते हैं।
ज्योति प्रज्वलित कक्ष – Ratanpur Mahamaya Mandir के दर्शन करने के बाद दुनिया के सबसे ज्यादा ज्योत प्रज्वलित किये जाने वाले ज्योत कक्ष को देखिये, आप बहुत ही आनंदित महसूस करेंगे।
प्राचीन किला – जैसे ही आप महामाया मंदिर से निकलेंगे, आपको प्राचीन किला मिलेगा। इसे गज महल व हाथी महल कहा जाता हैं। यह किला भारतीय पुरात्तव विभाग द्वारा सरंक्षित किया गया है। कलचुरी राजा द्वारा बनवाया गया इस किला को देश-विदेश से देखने पर्यटक आते रहते हैं। इस किले में बहुत सारे मूर्तियां बनी हुई हैं, जिसे देखकर आप आश्चर्य चकित हो सकते है।
जगन्नाथ मंदिर – प्राचीन किला के अंदर ही भगवन जगन्नाथ का मंदिर है, अगर आप प्राचीन किला पहुंच ही चुके हैं तो एक बार जरूर भगवान जगन्नाथ का दर्शन करे। यह भी बहुत प्रसिद्ध मंदिर हैं।
रामटेकरी मंदिर – राजा महाराजाओ के समय में बनी हुई राम टेकरी मंदिर Ratanpur Mahamaya Mandir से महज 1Km की दुरी में टेकरी मार्ग पर स्थित है। यहां से आपको रतनपुर शहर का पूरा दृश्य मनोरम दिखाई देगा।
गिरजाबंद हनुमान मंदिर – रामटेकरी मंदिर से नीचे उतरने के बाद आपको गिरजाबंद हनुमान मंदिर मिलेगा, वहां आप दक्षिण मुखी हनुमान जी का दर्शन कीजिये।
दोस्तों अगर आपके पास समय बचता है तो Ratanpur Mahamaya Temple से 7.7 Km की दुरी में खुटाघाट जलाशय है, वहां एक बार अवश्य जाइये, बहुत ही सुन्दर सा जलाशय है, जहापे आपको बहुत सुंदर नजारा , बरसात के समय जाते हैं, तो overflow वाटरफाल देखने को मिलेगा। साथ ही वहां पे बोटिंग भी कराई जाती हैं। मै जब पहली बार सीढ़ियों को चढ़कर खुटाघाट जलाशय को देखा, मन में शांति के सिवा और कुछ नहीं था। आप यहाँ तक पहुंच गए हैं तो एक बार खुटाघाट जलाशय अवश्य जाए।
आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी कमेंट सेक्शन में लिखकर अवश्य बताये। ताकि हम और अधिक रूप से इस ब्लॉग को विस्तारित कर सके। Ratanpur Mahamaya Mandir Bilaspur खुलने-बंद होने की समय को जानने के लिए महामाया माता रतनपुरी के ऑफिसियल वेबसाइट में जा सकते हैं। Visite us- cgtourism.in