Khallari Mata Mandir Bhimkhoj Khallari

Khallari Mata

Khallari Mata Mandir | खल्लारी माता मंदिर भीमखोज खल्लारी

खल्लारी माता मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से मात्र 25 किलोमीटर की दुरी में स्थित अद्भुत, रमणीय मंदिर हैं। जहाँ प्रत्येक वर्ष के चैत्र और कुँवार के नवरात्रि में हजारों श्रद्धालु मां खल्लारी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

Khallari Mata Mandir में माँ खल्लारी के दर्शन मात्र से भक्तगण मनोकामना पूरी हो गई समझते हैं। माँ खल्लारी को प्रत्यक्ष रूप से देखने से ही मन में शांति स्थापित हो जाती हैं।

Direct Entrance To khallari mata temple

खल्लारी माता भीमखोज खल्लारी के दुर्गम पहाड़ी में स्थित हैं, माता जी के दर्शन के लिए लगभग 850 सीढ़ीओ में खड़ी चढाई करनी पड़ती हैं। विश्राम लिए जगह-जगह पे छज्जा निर्माण, और पीने के पानी की व्यवस्था यहाँ के ट्रस्ट द्वारा कराया गया हैं।

चैत्र पूर्णिमा के अवसर में यहां 5 दिनों का मेला प्रति वर्ष लगता हैं। जिसे देखने छत्तीसगढ़ प्रदेश के हजारों लोग यहाँ आते हैं। Khallari Mata Mandir प्राकृतिक प्रेमिओ के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, चूँकि यह बहुत ऊंचाई में स्थित होने के कारण यहाँ से बहुत सुन्दर नजारे देखने को मिल जाता हैं।

Bhimkhoj Khallari view point |

कैसे पहुंचे | How To Reach Khallari

मित्रों, Khallari में पहुंचना बहुत आसान हैं, चाहे आप कोई भी माध्यम से आये। छत्तीसगढ़ पर्यटन स्थल के द्वारा यहाँ पहुंचने के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था कराया गया हैं-

  • हवाई मार्ग – सबसे निकटम हवाई अड्डा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हैं।
  • रेल मार्ग – निकटम रेलवे स्टेशन जिला मुख्यालय महासमुंद हैं। लेकिन भीमखोज रेलवे स्टेशन उड़ीसा-छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली एकमात्र रेल लाइन हैं। जहाँ पे एक्सप्रेस के अलावा सभी प्रकार के ट्रैन यहाँ रुकता हैं।
    यहाँ से आप 1किलोमीटर की पैदल यात्रा कर, सुगमता से खल्लारी पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग – NH253 के किनारे बसा Khallari Mata Mandir आप टैक्सी, बस, या आपकी कोई भी वाहन हो, सरलता से यहाँ पहुंच सकते हैं। कोई भी परेशानी नहीं होने वाली हैं।
Entrance Gate to Khallari Mata Temple NH253

रहने की व्यवस्था —

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल रायपुर द्वारा पर्यटन स्थल खल्लारी में धर्मशाला भवन का निर्माण कराया गया हैं। जिसमे अन्य प्रदेश या विदेशी पर्यटक आकर यहाँ आराम से ठहर व विचरण कर सकते हैं।

Dharmshala bhawan khallari
dharmshala

Khallari Mata Tample | खल्लारी माता मंदिर

दोस्तों वैसे तो Khallari Mata Tample में देखने के लिए बहुत सारी जगहें हैं, हम आपको प्रमुख स्थानों के नाम व चित्र CgTorurism.in के माध्यम से दिखा रहे हैं-

  • माँ अन्नपूर्णा माता मंदिर – जब आप माता दर्शन के लिए लगभग 800 सीढ़ियों को पूरा करेंगे। तब आपको नवरात्रि के दिनों में भंडारा वाले स्थान में आपको हमेशा माँ अन्नपूर्णा माता की मंदिर दिखाई देगा। जो अत्यंत मनोरम है। जय माता दी।
माँ अन्नपूर्णा माता मंदिर भीमखोज खल्लारी
अन्नपूर्णा माता मंदिर
  • पहाड़ी वाली खल्लारी माता मंदिर – यह image माता जी की मुख्य मंदिर का इमेज है।
खल्लारी माता
  • शेर गुफा – जब आप पहाड़ों में विचरण करते हैं। तब आपको शेर गुफा दिखाई देगा। कहा जाता हैं जब यहाँ लोगो का आना जाना नहीं था तब इस पहाड़ में शेर निवास करता था।
शेर गुफा | Lion Cave
Lion Cave
  • भीम पांव – शेर गुफा के बाद आपको कुछ ही दुरी में भीम पाव दिखाई देगा।
bhim paw khallari | भीम पांव खल्लारी
Bhima’s Footprints according to Khallari mata tample visitor’s
  • सीता चूल – भीम पांव के कुछ दुरी में ही सीता चूल दिखाई देगा। जब हम गए थे तो भीम पाव और सीता चूल में पानी भरा हुआ था।
Sita chul | सीता चूल
Sita’s chul
  • श्री राम स्मृति उपवन – पहाड़ी के नीचे में बहुत ही सुंदर उपवन हैं। जिसे श्री राम स्मृति उपवन कहते हैं। इस उपवन को बहुत कम लोग ही जानते हैं। यह उपवन में आयुर्वेदा से जुडी पेड़-पौधे लगे हुए हैं। जो बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। आपको जरूर जाना चाहिए।
श्री राम स्मृति उपवन  |  Garden Of Shree Ram Smriti Upwan Khallari
garden
  • काली माता – जगन्नाथ मंदिर खल्लारी के बांये ओर माँ काली की मूर्ति बानी हुई हैं।
Statue of kali mata Khallari | काली माता की मूर्ति
Statue of Kali Mata
  • जगन्नाथ मंदिर

आसपास से जुडी अन्य पर्यटन स्थल :–

Trip Advice – दोस्तों जब भी आप अपने मित्रों, परिवार या अन्य किसी के साथ भी जाते हैं तो पर्यवरण को देखते हुए कचड़े को यहाँ-वहाँ ना फेकें, सिर्फ कचरे के बने बॉक्स में ही फेके, ताकि आपका-हमारा पर्यटन स्थल स्वच्छ बना रहे।

आपका अपना दोस्त – cgtourism


खल्लारी माता मंदिर कब जाना चाहिए?

पर्यटकों के लिए सभी समय उपयुक्त है।

खल्लारी माता में मेला किस समय लगता हैं?

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर।

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