
Chandi Mata Tample Bagbahara | चंडी माता मंदिर घुंचापाली
चंडी माता मंदिर जिला महासमुंद, विकासखंड बागबाहरा के ग्राम – घुंचपाली में स्थित है। जो जिला मुख्यालय से 40 किमी की दुरी में हैं। माँ आदिशक्ति का यह Chandi Mata Tample तंत्रोक्त सिद्धि के लिए जाना जाता था। जहाँ सिर्फ तांत्रिक और अघोरियों का बस आना-जाना हुआ करता था। सन 1950-51 के आसपास लोगो के लिए चंडी माता मंदिर को खोल दिया गया।

बहुत सारे छोटे-मोठे पहाड़ियों से घिरा Chandi Mata की इस मंदिर में बहुत ही मनोरम दृश्य देखने को मिलता हैं। चंडी माता मंदिर पहुंचने से पहले दो पहाड़ियों के बीच से होकर आना अविश्मरणीय अनुभव प्रदान करता हैं।
चंडी माता मंदिर के प्रारम्भ में सुनहरे रंगो से सजी महादेव की लिंग स्थापित हैं। जहाँ से आप पास ही बने बांध को देख कर मन्त्र मुग्ध हो सकते हैं।

चैत्र और कुँवार की नवरात्री में दो बार यहाँ प्रत्येक वर्ष मेला लगता हैं। जिसमे हजारों की मात्रा में श्रद्धालुगण माँ चंडी को देखने आते हैं।
चंडी माता की दर्शन करने शाम को आते हैं भालू | Chandi Mata Mandir Ghunchapali
माँ आदिशक्ति चंडी माता मंदिर में प्रत्येक दिन दोपहर से शाम के बीच भालू अपने परिवार सहित माता जी के दर्शन करने आते हैं। जिसे देखने के लिए शाम को श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती है।

यदि आप भालू को देखने आ रहे हैं तो नवरात्रि के दिनों को छोड़कर आप कभी भी आ सकते हैं, इस समय भीड़ बहुत कम होती हैं।
दोस्तों आप दोपहर के चंडी माता जी के दर्शन करने आते हैं तो आप मंदिर प्रागण से लगे पहाड़ी में अवश्य जाये। वहां की चोटी से आपको अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। लेकिन आपको ध्यान रखना होगा, भालुओ से सावधान रहना पड़ेगा।

How To Reach Chandi Mata Tample Bagbahara | कैसे पहुंचे
- चंडी माता मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा रायपुर हैं।
- निकटतम रेलवे स्टेशन बागबाहरा हैं, जहाँ से माता जी का मंदिर 4 किमी की दुरी में स्थित हैं।
- जिला महासमुंद से NH253 राष्ट्रीय मार्ग 40 किमी तथा राजधानी रायपुर से 95 किमी।
Note- बागबाहरा रेलवे स्टेशन से टैक्सी, कार जैसे ट्रैवल वाहन हमेशा लगा हुआ होता है।
Near Tourism Place Bagbahara
- खल्लारी – चंडी माता मंदिर घुंचापाली बागबाहरा से 15 किलोमीटर की दुरी में स्थित माँ खल्लारी का मंदिर है, जिसे आप आसानी से विजिट कर सकते हैं।
Trip Advice- दोस्तों यह मंदिर ज्यादा ऊंचाई में नहीं होने के कारण बच्चे, बूढ़े सभी आसानी से चढ़ सकते हैं, आप यहाँ अपने फॅमिली के साथ आराम से जा सकते हैं। भालुओं से सावधान रहे। हलाकि वह कुछ नहीं करता, फिर भी उसके पास जाते समय सावधानी जरूर बरतें।
चंडी माता मंदिर घुंचापाली कब जाना चाहिए?
नवरात्रि के समय
चंडी माता मंदिर में भालू देखने का समय
प्रतिदिन शाम 4 बजे के बाद